हौसला
बजरंगी पहलवान को ऑपरेशन थियेटर से भागते देख , नर्स ने उसे रोककर पूछा कि क्या हुआ ? बजरंगी ने कहा कि दूसरी नर्स अंदर कह रही थी कि घबराने की कोई बात नहीं है , छोटा - सा ऑपरेशन है , बहुत जल्द हो जायेगा । नर्स ने कहा कि यह तो बहुत अच्छी बात है कि वह आपका हौसला बढ़ा रही है । बजरंगी ने कहा कि वह मेरा हौसला नहीं बढ़ा रही थी बल्कि डॉक्टर को हौसला दे रही थी । उस नर्स ने कहा कि डॉक्टर का हौसला बढ़ाना भी जरूरी है क्योंकि आज यह उनका पहला ऑपरेशन है । बजरंगी को किसी तरह से समझाकर ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया । जब ऑपरेशन शुरू होने लगा तो उसकी नजर पास की मेज पर रखे हुए फूलों के हार पर गई । उसने पूछा कि यह किसलिए मंगवाए हैं ? डॉक्टर ने कहा कि अगर ऑपरेशन कामयाब हो गया तो मेरे काम आएंगे वरना तुम्हारे काम आ जायेंगे । इतनी बात सुनते ही बजरंगी के हाथ - पावों में कंपन शुरू हो गई ।
डॉक्टर ने हौसला देने के साथ बजरंगी से कहा कि तुम देखने में तो बहुत बलवान दिखाई देते हो , लेकिन तुम्हारे अंदर आत्मविश्वास की इतनी कमी क्यों है ? डॉक्टर साहब ने बजरंगी से कहा कि मैंने जब यह डॉक्टरी का पेशा अपनाया था तो पहले दिन - से ही हमें यह सिखाया गया था कि जिंदगी की जंग केवल वही व्यक्ति जीत सकता है जो आखिरी सांस तक उम्मीद कायम रखता है । दु : ख - सुख तो दिन - रात की तरह जीवन में आते - जाते रहते हैं । दु : खों को हंसते - हंसते झेलना ही असल जिंदगी होती है । बजरंगी ने कहा कि अगर जिंदगी ही न रही तो मेरी हिम्मत और हौसला क्या करेगा ? डॉक्टर साहब ने कहा कि इस छोटे से ऑपरेशन से इतना डरने की जरूरत नहीं । किस्मत भी सदा बहादुर लोगों का साथ देती है , इसलिये एक वीर की तरह जीना सीखो । कुछ लोग जो जीवन में किसी कारण से सब कुछ खो बैठते हैं वे हौसले के बल पर फिर सब कुछ वापस पा लेते हैं । डॉक्टर साहब की बातों पर गौर करते हुए जौली अंकल तो यही जान पाये हैं कि यदि हमारे अंदर हौसला कायम है तो कामयाबी पाना मुश्किल नहीं होता ।
(किसी वस्तु को पाने के लिये ज्ञान तो हमें कोई भी दे सकता है , लेकिन उसे पाने के लिये हौसला हमें ही दिखाना पड़ता है ।)
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