सकारात्मक सोच विकसित करें
"प्रत्येक व्यक्ति अपने अस्तित्व के नियम के अनुसार वहाँ है , जहाँ होना चाहिए । उसने अपने चरित्र में जो विचार डाले हैं , वे ही उसे वहाँ लाए हैं । " - जेम्स एलन
मनोवैज्ञानिक सिडनी जॉरार्ड के अनुसार , आपका 85 प्रतिशत कार्य आपकी सोच और आपके व्यक्तित्व से निर्धारित होता है । आपकी प्रगति आप कितना पाते हैं और कितनी जल्दी आपकी पदोन्नति होती है , सब इस बात पर निर्भर करता है कि कितने लोग आपको पसंद करते हैं और आपकी सहायता करना चाहते हैं ।
हमेशा शिकायत और आलोचना करनेवालों की अपेक्षा उन लोगों को अधिक पसंद किया जाता है और सम्मान दिया जाता है , जो हर समय प्रसन्नचित्त और आशावादी रहते हैं । आपके कॉरियर में आपकी सफलता के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण निर्धारकों में से एक यह है कि दूसरों के साथ आप कितनी अच्छी तरह निभा पाते हैं और एक टीम के सदस्य के रूप में आपका कार्य कितना अच्छा साबित होता है । आपका वेतन और आपकी पदोन्नति बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि अपने कॉरियर के प्रत्येक चरण पर आप दूसरों के साथ कितना अधिक सहयोग करते हैं ।
सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी वे ही उभरकर सामने आते हैं , जो सदैव खुश रहते हैं , सकारात्मक सोच रखते हैं और अपने सहकर्मियों के समर्थक होते हैं । उनके अंदर उच्च कोटि की परानुभूति और मुरव्वत होती है । इसी प्रकार के लोग होते हैं , जिनके आस - पास दूसरे लोग रहना चाहते हैं , साथ में काम करना चाहते हैं और आगे बढ़ने के लिए जिनकी मदद करना चाहते हैं ।
सकारात्मक सोच रखनेवाले , मित्रवत् व्यक्ति को वरिष्ठ अधिकारी बहुत जल्द पहचान लेते हैं । वे उसकी सराहना ही नहीं करते बल्कि उस पुरुष या महिला कर्मचारी के कॉरियर को आगे बढ़ाने में मददगार भी हो सकते हैं । इसके अलावा , एक सकारात्मक व्यक्ति को सहकर्मियों तथा स्टाफ से सहायता एवं समर्थन भी अधिक मिलता है । अधिक सकारात्मक सोचवाला व्यक्ति ऊर्ध्वमुखी दबाव का अनुभव करता है और यही दबाव उसे अधिक तीव्र गति से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है ।
आपकी मानसिकता वास्तव में कितनी सकारात्मक है , इसका निर्धारण करने की एक महत्त्वपूर्ण कसौटी यह है कि दबाव में रहकर आप कैसा कार्य करते हैं । जब सबकुछ ठीक चल रहा हो , उस स्थिति में कोई भी सकारात्मक एवं दृढ़ निश्चयी , हो सकता है । लेकिन समस्याओं और विफलताओं से सामना होने पर ही आप न केवल खुद को , बल्कि आस - पास के हर व्यक्ति को यह दिखा सकते हैं कि आप वास्तव में किस मिट्टी के बने हुए हैं । आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि “ जब स्थिति दुष्कर हो जाती है , उस समय हठी व्यक्ति आगे बढ़ने की ठान लेता है ।
"सकारात्मक सोच रखनेवाला व्यक्ति प्रत्येक व्यक्ति तथा प्रत्येक स्थिति में कुछ - न - कुछ अच्छाई खोजने की कोशिश करता है । वह व्यक्ति महिला हो या पुरुष , हर समस्या में कुछ सकारात्मक या रचनात्मक खोजने , अथवा कुछ महत्त्वपूर्ण सीख पाने का प्रयत्न करता है । प्रत्येक कठिनाई या विफलता में कुछ न - कुछ अच्छा देखने की आदत आपको आशावादी और प्रसन्नचित्त बनाए रखती है । यह सोच आपको भविष्य के प्रति आशावादी और कार्योन्मुखी बनाए रखती है , बजाय इसके कि आप पीछे मुड़कर देखते रहें या पिछले कर्मों को दोष देते रहें ।
सौभाग्यवश , ऐसा रचनात्मक दृष्टिकोण एक आदत है , जिसे आप अभ्यास से विकसित कर सकते हैं । सकारात्मक मानसिकता कुछ ऐसी चीज है , जिसे आप प्रत्येक दिन सकारात्मक रहने का संकल्प दोहराकर सीख जाते हैं , विशेषकर जब इसकी सर्वाधिक आवश्यकता हो ।
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